Electoral Bonds: 6,000 करोड़ के चंदे को लेकर BJP पर बरसी Congress

Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होते ही विपक्ष की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। सुप्रिम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए SBI ने बीते कल गुरुवार यानी 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा चुनाव आयोग को सौंपा दिया। वहीं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है।

‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’

कपिल सिब्बल ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘’इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं ‘लाभ के बदले लाभ देने’ का काम हुआ है।’’ पीएम मोदी पर तंज कसते हुए आगे कहा कि ‘’किसी ने कहा था- ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’। बता दें कि पीएम ने 2014 में भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करते हुए अपने एक संबोधन के दौरान यह बात कही थी।

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इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक

बता दें कि चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दे दी थी, जिसे कल चुनाव आयोग ने सार्वजनिक कर दिया ।

बीजेपी को मिला सबसे ज्यादा चंदा

इलेक्टोरल बॉन्ड के सामने आते ही विपक्षी दलों ने बयानबाजी करते हुए कहा कि ‘’डिटेल्स से पता चलता है कि सबसे ज्यादा चुनावी चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है।’’

कोर्ट मजबूती से खड़ा रहा

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ट्वीट में लिखा है कि, ‘’इलेक्टोरल बॉन्ड के दानदाता, लाभ के बदले लाभ स्पष्ट रूप से दिख रहा है।’’  पीएम का नाम लिए बगैर उन्होंने लिखा की ”एक क्विज है- किसने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा?’’ इससे पहले भी सिब्बल ने SBI की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ‘’SBI ने टालने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट मजबूती से खड़ा रहा।’’

 

 6,000 करोड़ का चंदा 

कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने दावा करते हुए कहा कि ‘’ऐसी कई कंपनियों के मामले देखने को मिले हैं, जहां इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर चंदा दिया गया और फिर तुरंत सरकार की तरफ से भारी लाभ मिला है।’’  रमेश ने आगे कहा कि ‘’1,300 से ज्यादा कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है, जिसमें 2019 के बाद से बीजेपी को मिला 6,000 करोड़ से ज्यादा का चंदा शामिल है।’