Manish Sisodia Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को Rouse Avenue Court में पेश किया। इस दौरान ED ने सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड कोर्ट से मांगी। ED ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि आबकारी नीति (Excise Policy) तैयार करने के पीछे एक साजिश थी। शराब नीति (Liquor Policy) में नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% तक लाभ पहुंचाया गया। सिसोदिया से पूछताछ के लिए एक रिमांड जरूरी है। ईडी ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया और के कविता आपस मे संपर्क में थे। 

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Manish Sisodia Case: ED ने कोर्ट में दावा किया, इस नीति से दक्षिण की कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया। बड़े कारोबारियों को इससे फायदा पहुंचाया गया। पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया के कहने पर शराब नीति के नियम (Liquor Policy Rules) बदले गए। अवैध कमाई की एक व्यवस्था बनाई गई। थोक व्यापार का हिस्सा खास लोगों को दिया गया। 6% की जगह 12% का मार्जिन दिया गया है। डिजिटल सबूत मिटाए भी गए।

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ED ने कहा, 12 प्रतिशत मार्जिन के सवाल पर मनीष सिसोदिया गलत जवाब दे रहे थे। इस घोटाले में 219 करोड़ रुपये की ट्रेल मिली है। हमें पूरी कार्यप्रणाली की जांच करने और अन्य आरोपियों के सामने कुछ पूछताछ करने की जरूरत है। इसलिए 10 दिन की रिमांड मांगी गयी है। 

मनीष सिसोदिया की CBI द्वारा गिरफ्तारी के केस में जमानत पर अब 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी गई है। वहीं ED की रिमांड को लेकर कोर्ट ने अपना आदेश भी सुना दिया है। जज ईडी को सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड दी है। हालांकि एजेंसी ने कोर्ट से 10 दिन की कस्टडी मांगी थी। ईडी ने कोर्ट को 57 पेज की रिमांड कॉपी सौंपी थी।